लखनऊ। स्टाम्प व पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि अब कोई भी व्यक्ति प्रदेश में कहीं भी कोई जमीन, मकान, फ्लैट, दुकान आदि खरीदना चाहेगा तो सबसे पहले उसे संबंधित जिले के जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देना होगा और साथ ही ट्रेजरी चालान के माध्यम से कोषागार में 100 रुपये का शुल्क जमा करना होगा। उसके बाद डीएम लेखपाल से उस भू-सम्पत्ति की डीएम सर्किल रेट के हिसाब से मौजूदा कीमत का मूल्यांकन करवाएंगे। उसके बाद उस सम्पत्ति की रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क का भी लिखित निर्धारण होगा। दरअसल प्रापर्टी खरीदने में अक्सर स्टांप चोरी की शिकायतें आती हैं। कई बार खरीददार वास्तव में प्रापर्टी की सही मायलित नहीं जानता है और वह विक्रेता या प्रापर्टी डीलर के बताए दाम पर खरीद लेता है। इस प्रक्त्रिस्या में स्टांप बचाने के लिए कीमतें कम-ज्यादा बताने का खेल चलता है। ऐसे मामलों में बहुत बार शिकायत होने पर मुकदमा हो जाता है और प्रापर्टी भी फंस जाती है। बड़े पैमाने पर ऐसे मुकदमे लंबित हैं। इसको देखते हुए नई व्यवस्था की गई है।