लखनऊ। रामनगरी के सर्वांगीण विकास के लिए एडीए ने विजन डॉक्यूमेंट-2051 तैयार किया है। आगामी 30 वर्षों को ध्यान में रखते हुए अयोध्या के विकास मॉडल में रामनगरी की पौराणिकता को सहेजते हुए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की योजना है। इसी क्रम में रामनगरी में 1200 एकड़ में वैदिक सिटी विकसित की जाएगी। वैदिक सिटी में धार्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता का संगम दिखेगा। यहां मठ, मंदिर, ज्योतिष केंद्र सहित 80 देशों के धार्मिक दूतावास का निर्माण प्रस्तावित है। वैदिक सिटी में अयोध्या का वैभव, सभ्यता व संस्कृति का भी प्रत्यक्ष दर्शन होगा। अयोध्या में आवास विकास परिषद 1200 एकड़ में वैदिक सिटी बनाने जा रही है। आवास विकास परिषद भारत के सभ्यता व संस्कृति से जुड़े देशों को नव्य अयोध्या में 80 प्लाट अलॉट करेगा। जो देश धार्मिक दूतावास खोलने के लिए आवेदन करेगा उनको भी सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस वैदिक सिटी को राम जन्मभूमि से सीधे जोड़ने की योजना है। इसके लिए एक सीधा मार्ग राम जन्मभूमि से जोड़ा जाएगा। वैदिक सिटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन के निकट होगी। वैदिक सिटी में चार प्रवेश द्वार होंगे जो कि रामायण आधारित होंगे। दो एकड़ में 80 देशों के लिए धार्मिक दूतावास बनाए जाने की योजना है। साथ ही विभिन्न राज्यों के अपने-अपने राज्य अतिथि गृह भी स्थापित होंगे। इसके अलावा मठ, मंदिर, धार्मिक स्थलों के साथ-साथ ज्योतिष केंद्र के लिए भी दो एकड़ भूमि प्रदान की जाएगी। साथ ही 10 हजार प्लाट आवासीय होंगे जो देश के विभिन्न राज्यों से अयोध्या में बसने वालों को दिए जाएंगे। वैदिक सिटी में देश के नामी 30 होटलों को भी भूमि आवंटित की जाएगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल और विद्यालय वैदिक सिटी के समृद्धि के गवाह होंगे।