वाराणसी। धर्मनगरी काशी, प्रयाग में गंगा और अयोध्या की सरयू की लहरें एक साथ हवाई उड़ान की साक्षी बनने वाली हैं। धार्मिक पर्यटन के साथ ही परिवहन का नया मार्ग वाराणसी से प्रशस्त होगा। इसमें प्रदेश के धार्मिक शहर प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट सहित अन्य शहरों को सी प्लेन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए भारतीय अंतरर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने वाराणसी में सी प्लेन के संचालन की अनुमति मांगी है और प्रधानमंत्री कार्यालय की सहमति के बाद केंद्र सरकार को पूरी परियोजना का प्रस्ताव भेज दिया गया है। सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो सितंबर से सी प्लेन की सेवा शुरू हो सकती है। देश के पहले जलमार्ग का केंद्र बनी वाराणसी से सी प्लेन का संचालन शुरू होने वाला है। रामनगर पोर्ट के पास ही जेटी बनाकर वाराणसी से सी प्लेन का संचालन किया जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा और चित्रकूट को सी प्लेन से जोड़ने के लिए रूट प्लान और किराए पर भी जल्द ही निर्णय किया जाएगा। वाराणसी में कई विमानन कंपनियां इस सेवा को शुरू करने के लिए डीजीसीए से अनुमति के लिए आवेदन कर चुकी हैं। एक विमान की कीमत लगभग 25 करोड़ रूपये है। यहां बता दें कि पिछले शुक्रवार को आईडब्ल्यूएआई के उपाध्यक्ष जयंत सिंह ने वाराणसी दौरा किया था और उन्होंने स्थानीय प्रशासन को जानकारी दी थी कि सी प्लेन सेवा के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि आईडब्ल्यूएआई ने वाराणसी से प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा सहित अन्य धार्मिक शहरों के लिए सी प्लेन संचालन का प्रस्ताव दिया है। रामनगर पोर्ट के पास से ही सी प्लेन संचालन की योजना है। इसके लिए गंगा में नावों के संचालन का रूट तय कर दिया जाएगा।