लखनऊ। नए डीजीपी मुकुल गोयल के सामने जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर चल रहे चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक की चुनौती है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा और सपा में सीधी लड़ाई है। दोनों ने ही अपनी ताकत झोंक रखी है। इस लिए डीजीपी का पद संभालते ही इस चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराना मुकुल गोयल के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। इसके अलावा मुकुल के सामने प्रदेश में अचानक बढ़ी अपराध की घटनाएं भी चुनौती रहेंगी। हाल के दिनों में आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, सुलतानपुर, मेरठ में गंभीर अपराध की घटनाएं हुई हैं। इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने की चुनौती रहेगी। यूपी दिल्ली की सीमा पर गाजियाबाद में चल रहा किसानों का आंदोलन भी किसी चुनौती से कम नहीं है। साल के आखिर में विधानसभा आम चुनाव की घोषणा हो सकती है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते यहां का चुनाव कराना पुलिस के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। प्रदेश के डीजीपी के पद पर नियुक्त किए गए 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल आज से डीजीपी के रुप में अपनी पारी का आगाज करेंगे। मुकुल गोयल बृहस्पतिवार की दोपहर केंद्र से कार्यमुक्त हो गए। वे आज के दिन में साढ़े 12 बजे डीजीपी के रुप में कार्यभार ग्रहण करेंगे।