लखनऊ। निजी सार्वजनिक सहभागिता पद्धति के तहत उ.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम के 23 बस अड्डों को विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण में 17 बस अड्डों को विकसित किये जाने की योजना है। इस संबंध में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बैठक लेकर कहा कि इस कार्य को तेजी से किया जाए। साथ ही इस तरह की योजना बनाई जाए कि भविष्य में भी पीपीपी मॉडल पर विस्तार होता रहे। गुरुवार को मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से उ.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों की बैठक ली जिसमें अपर मुख्य सचिव वित्त एवं प्रमुख सचिव नियोजन ने भी भाग लिया। मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले सालों में इलेक्ट्रिक बसों की व्यवस्था भी की जाएगी। इसलिए उसी को ध्यान में रखते हुए चार्जिंग प्वाइंट्स भी बनाए जाएं।
बताया गया कि प्रथम चरण में 17 बस अड्डों कौशांबी (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), गाजियाबाद साहिबाबाद (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), ट्रांसपोर्ट नगर (आगरा), ईदगाह (आगरा), आगरा फोर्ट, मथुरा (पुराना), कानपुर सेंट्रल (झकरकटी), वाराणसी कैन्ट (बस स्टेशन, क्षेत्रीय एवं डिपो कार्यशाला), सिविल लाइन्स प्रयागराज, जीरो रोड प्रयागराज, विभूति खंड लखनऊ (बस स्टेशन, क्षेत्रीय एवं डिपो कार्यशाला), अमौसी (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), चारबाग, सोहराब गेट मेरठ (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), रसूलाबाद अलीगढ़ (बस स्टेशन/, डिपो कार्यशाला) एवं गोरखपुर को विकसित किया जाना है।