लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बीते सवा चार वर्षों में उत्तर प्रदेश में सरकारी पदों पर हुई हर भर्ती ने शुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी की मिसाल कायम की है। 2017 के पहले जिस यूपी में भर्ती प्रक्रिया भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और वसूली की “पारिवारिक महाभारत” की भेंट चढ़ जाती थी, वहां चार लाख से अधिक पदों पर हुई नियुक्तियों में से एक पर भी सवाल नहीं किया जा सकता। यह नई कार्यसंस्कृति, नए भारत के नया उत्तर प्रदेश की है। यहां भ्रष्टाचार की जगह नहीं, प्रतिभा का सम्मान है। कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि चार वर्ष पूर्व तक यूपी के कारागार अपराधियों-गुंडों के लिए आरामगाह और गिरोह संचालन का केंद्र हुआ करती थी। जहां पग-पग पर भ्रष्टाचार और अराजकता थी। वहां आज अपराधी पुलिस के नाम से खौफ खाते हैं। सवा चार वर्षों में हुए इस बदलाव में पुलिस महानिदेशक से लेकर आरक्षी तक की भूमिका है। यह बदलाव टीम वर्क का परिणाम है।