प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाने के बाद इस्तीफा देने के लिए शपथ लेना आवश्यक नहीं है। बिना शपथ लिए भी इस्तीफा दिया जा सकता है। कोर्ट ने वाराणसी की चिरई गांव क्षेत्र पंचायत सदस्य कौशल के इस्तीफे को अधिकारी को प्राप्त तिथि 2 जून 21से प्रभावी करार दिया है। किन्तु इस्तीफे से खाली सीट का चुनाव कराने की याची की मांग अस्वीकार कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने क्षेत्र पंचायत चिरईगांव के निर्वाचित सदस्य कौशल की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। 2 मई 21को क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव परिणाम घोषित किया गया। याची विजयश्री हुआ। लगभग एक महीने में ही उसने सदस्य पद से जिलाधिकारी को इस्तीफा भेज दिया। जिसे स्वीकार नहीं किया गया। सरकारी अधिवक्ता बी पी सिंह कछवाहा का कहना था कि 11नवंबर10का शासनादेश है जिसमें कहा गया है कि बिना शपथ इस्तीफा नहीं दिया जा सकता।
कोर्ट ने कहा धारा11(1)के तहत याची चुना गया सदस्य हैं। इस्तीफा व्यक्तिगत कार्य है।इस संबंध में कानून साफ नहीं ।11(2 ) के अनुसार सदस्य क्षेत्र पंचायत प्रमुख को इस्तीफा भेज सकता है। 2 जून 21 के शासनादेश के अनुसार एस डी एम के पास प्रमुख का पद भार है तो इस्तीफा सही जगह दिया गया है।चुना गया सदस्य भी इस्तीफा दे सकता है।इसके लिए शपथ ग्रहण करना जरूरी नहीं है। इस्तीफा मिलते ही प्रभावी हो गया है।उस पर आदेश दिये जाने की जरूरत नहीं होती।