नियमों की अनदेखी करके स्लाटर हाउस चलाना पड़ेगा भारी

वाराणसी। नगर निकायों की सीमा क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित स्लाटर हाऊसों पर सरकार ने सख्ती करने का निर्देश दिया है। इनके संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की मंशा के देखते हुए नगर विकास विभाग ने शहरी क्षेत्र में संचालित होने वाले सभी स्लाटर हाउसों की ब्योरा तैयार करा रहा है। दरअसल पशुओं के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को देखते हुए लेखा परीक्षा पशु वधशाला और चमड़ा उद्योगों से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों के बारे में सूचना जुटा रहा है। इसके आधार पर अपर निदेशक पशु डॉ. एमए अंसारी ने प्रदेश भर के निकायों से विस्तृत सूचना मांगी है। इस सूचना के आधार पर हकीकत को परखा जाएगा और गड़बड़ी पर कार्रवाई की जाएगी। निकायों से पिछले पांच सालों का ब्योरा नए सिरे से मांगा गया है। इसमें पूछा गया है कि शहरों में स्थापित पशु वधशालाओं की संख्या कितनी है, इनको स्थापित किए जाने पर कितना खर्च किया गया, चल रहे पशु वधशालाओं की मौजूदा संख्या, बंद होने वालों की संख्या और न चलने की वजह भी पूछी गई है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि कितने पशु वधशालाओं को उच्चीकृत किया गया है। बंद पशु वधशालाओं को पुन: शुरू करने को लेकर अगर कोई कार्रवाई शुरू की गई है तो इसकी भी जानकारी मांगी गई है। निकायों से इसके साथ ही पशु वधशालाओं को दिए गए लाइसेंस, इससे मिलने वाले शुल्क, चमड़ा संस्थान चलाने वालों को दिया गया लाइसेंस और उनसे मिलने वाले शुल्क के बारे में जानकारी मांगी गई है। अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारियां भी मांगी गई है।

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