प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और जाने माने वैज्ञानिक प्रो. सीएल खेत्रपाल (84) का बुधवार को लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आूफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया। परिवार वालों की ओर से उनके पार्थिव शरीर को शोध एवं अनुसंधान के लिए लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को दान करने का निर्णय लियाहै। प्रो. खेत्रपाल के निधन पर पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय भौतिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने दुख व्यक्त किया है। 25 अगस्त 1937 को जन्मे प्रोफेसर खेत्रपाल ने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। 1959 में मुंबई के प्रतिष्ठित परमाणु ऊर्जा स्थापना प्रशिक्षण स्कूल से परास्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1965 में उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से पीएचडी की उपाधि हासिल की। प्रो. खेत्रपाल ने पोस्ट डॉक्टोरल के दौरान 1967 से 1969 तक स्विटजरलैंड की बेसल यूनिवर्सिटी में शोध किया। 1973 में वह भारत लौटे और बंगलुरु के रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में शिक्षण कार्य शुरू किया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण शोध किए। प्रोफेसर जीएन रामचंद्रन के सुझाव पर 1977 में भारत के पहले परमाणु चुंबकीय अनुनाद रिसर्च सेंटर की स्थापना की। यह केंद्र आज भी एनएमआर रिसर्च सेंटर के नाम जाना जाता है। प्रो. खेत्रपाल 1979 से 1984 तक विज्ञान के क्षेत्र में शोध के लिए विदेश चले गए। उन्हें 1998 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया। इस पद पर वह 2001 तक रहे। अपने कार्यकाल के दौरान कई नए शैक्षिक कार्यक्रम शुरू किए और कई सेंटरों की स्थापना की। इविवि से हटने के बाद वह संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुवज्ञान संस्थान, लखनऊ में 2001-06 तक प्रोफेसर रहे। वह यहां सेंटर ऑफ बायोमेडिकल मैग्नेटिक रेजोनेंस के संस्थापक निदेशक भी रहे। उन्होंने 260 पुस्तकें प्रकाशित कीं एवं बड़ी संख्या में समीक्षा की। प्रो. खेत्रपाल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, बुधवार को अस्पताल में ही उनका निधन हो गया। उनके बेटे मुनीश ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि विज्ञान में लगातार नए आयाम गढ़े जाएं। इस लिहाज से उनके पार्थिव शरीर को शोध एवं अनुसंधान के लिए लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को दान करने का निर्णय लिया गया है। प्रो. खेत्रपाल पूर्व कुलपति प्रो. आरएल हांगलू के कार्यकाल के दौरान कार्य परिषद के सदस्य रहे। कार्य परिषद की बैठक के दौरान उन्होंने प्रो. हांगलू के कई एजेंडों पर सवाल उठाया। इसके बाद उन्होंने कार्य परिषद से इस्तीफा भी दे दिया। प्रो. खेत्रपाल के निधन पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. राम किशोर शास्त्री एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे ने शोक व्यक्त किया है।