सीएम योगी ने दोहराया नियुक्तियों में शुचिता, पारदर्शिता, ईमानदारी और मेरिट मानक

लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में 69 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शुक्रवार को इस चयन प्रक्रिया के अवशेष 6,696 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल गया। लोकभवन में आयोजित नियुक्ति-पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 52 महीनों में हुईं सवा चार लाख सरकारी पदों पर नियुक्तियों को शुचिता, ईमानदारी, पारदर्शिता और मेरिट का मानक बताया। सीएम ने कहा कि 2017 से पहले इसी प्रदेश में जब भी कहीं भर्ती निकलती थी तो कुछ गैंग ऐसे थे, जो वसूली के लिए निकल पड़ते थे। कुछ खानदान और कुछ परिवार ऐसे थे, जिनके लिए भर्तियों में वसूली, आजीविका का जरिया हो गया था। कोई भर्ती निकलती थी तो यह लोग झोला लेकर निकल पड़ते थे वसूली के लिए। लेकिन अब इन्हें मालूम हैं कि यह झोला लेकर निकलेंगे तो हमारी एजेंसियां सतर्क हैं और इनके लिए हमने जेलें भी खाली करवा रखी हैं। सीएम योगी ने कहा कि इन चार वर्षों में इन लोगों की अवैध कमाई बंद हो गई है तो अब यह लोग युवाओं को गुमराह करने में लग गए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भर्ती की शुचिता को कलंकित करने वालों के खिलाफ कठोरता पूर्वक कार्रवाई की गई और उसके परिणाम सामने हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम एक और परीक्षा कराने जा रहे हैं, जिसमें आवेदकों की संख्या 30 लाख है। देश की सबसे बड़ी परीक्षा होने जा रही है और विश्वास रखें कोई तिनका नहीं हिलेगा। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से हुए अवस्थापना विकास, प्रेरणा कार्यक्रम से हुए शैक्षिक गुणवत्ता सुधार आदि का जिक्र करते हुए सीएम ने पूर्ववर्ती सरकारों को शिक्षा की उपेक्षा करने पर तंज भी कसा। सीएम योगी ने कहा कि आज जब उत्तर प्रदेश के बेसिक विद्यालयों की परफॉर्मेंस ग्रेडिंग के राष्ट्रीय मानकों पर श्रेष्ठतम होती जा रही है तो कुछ लोगों को यह सुहा नहीं रहा। कहने को तो 2017 से पहले 1,35000 परिषदीय विद्यालय थे, लेकिन हालत दयनीय थी।

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