लखनऊ। व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में 50 फीसद क्षमता के साथ क्लास शुरू कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई शुरू कराने का आदेश जारी कर दिया है। स्कूलों में एक सितंबर से कक्षाएं चलेंगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा से कहा गया है कि स्कूलों में पठन-पाठन कराने के इंतजाम पूरे किए जाएं, बेसिक शिक्षा विभाग कोविड-19 को देखते हुए जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव आरवी सिंह ने बेसिक शिक्षा परिषद, मान्यता प्राप्त व अन्य बोर्डों के स्कूलों में भौतिक रूप से पढ़ाई कराने का आदेश दिया है। कक्षा छह से आठ तक के विद्यालय 23 अगस्त से और कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में शिक्षण कार्य पहली सितंबर से कराया जाना है। निर्देश है कि कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए कार्यवाही की जाए। बेसिक शिक्षा विभाग अब इस संबंध में गाइडलाइन जारी करेगा कि स्कूलों में बच्चे कितने फीसद उपस्थित होंगे, ताकि उनके बीच शारीरिक दूरी बनी रहे। ज्ञात हो कि गर्मी की छुट्टियों से प्राथमिक स्कूलों के बच्चे आनलाइन व टेलीविजन के माध्यम से जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे थे। प्राइमरी से लेकर माध्यमिक शिक्षा तक के संस्थान कोरोना संक्रमण बढ़ जाने के कारण होली के बाद बंद कर दिए गए थे। माध्यमिक शिक्षा के स्कूल पिछले वर्ष लाकडाउन के बाद अक्तूबर, 2020 और प्राइमरी व जूनियर के संस्थान इसी वर्ष फरवरी व मार्च में खोले गए थे, लेकिन कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के तेजी पकड़ते ही इन्हें बंद कर दिया गया था। उच्च शिक्षा में स्नातक व परास्नातक द्वितीय वर्ष की कक्षाएं 16 अगस्त से शुरू हो चुकी हैं। स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाएं एक सितंबर से और स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की कक्षाएं 13 सितंबर से चलेंगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश के उच्च व माध्यमिक शिक्षा संस्थानों में सोमवार से पढ़ाई शुरू हो गई है। शैक्षिक सत्र में पहली बार कक्षाओं में पढ़ने वालों की संख्या कम जरूर रही लेकिन, कालेज परिसर लंबे समय बाद गुलजार नजर आए। छात्र-छात्राओं से लेकर शिक्षक व कर्मचारी तक कोविड-19 से बचने के लिए मास्क पहने थे और शारीरिक दूरी का भी पालन किया। शारीरिक दूरी को ध्यान में रखकर हर कक्षा के छात्र-छात्राओं को 50-50 प्रतिशत दोनों पालियों में बुलाया गया था लेकिन, उपस्थिति काफी कम रही। यह जरूर है कि पढ़ाई शुरू हो गई है। माध्यमिक कालेजों में कक्षाएं दो पालियों में चली तो महाविद्यालयों में पढ़ाई के साथ प्रवेश कार्य भी शुरू हो गया।