नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में लागू होने वाले चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम (एफवाईयूपी) पर मंगलवार को अंतिम मुहर लग सकती है। बीते सप्ताह एकेडेमिक काउंसिल में पास होने के बाद एफवाईयूपी के प्रस्ताव को मंगलवार को होने जा रही कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। बैठक केदौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरु हो रहे चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम और दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट के दिल्ली सरकार के अंबेडकर विश्वविद्यालय में विलय पर चर्चा की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को पिछले सप्ताह अकादमिक मामलों की स्थायी समिति और अकादमिक परिषद से मंजूरी मिली है। बैठक में उन अन्य प्रस्तावों को भी रखा जाएगा जिन्हें अकादमिक परिषद से मंजूरी मिल चुकी है। कार्यकारी परिषद दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। दिल्ली मंत्रिमंडल ने मार्च में दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध दिल्ली कॉलेज ऑफ ऑर्ट को दिल्ली के अंबेडकर विश्वविद्यालय के साथ विलय करने का निर्णय लिया था। अब इस प्रस्ताव को कार्यकारी परिषद में रखा जाएगा। कार्यकारी परिषद की बैठक में डीयू डिजिटल इन्फ्रास्ट्रकचर सपोर्ट फॉर कॉलेज एंड विभाग (डीयूडीआईएससीडी) की स्थापना के संबंध में चर्चा की जाएगी। डीयूडीआईएससीडी कॉलेज व विभागों को इन हाउस डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद करेगा। विश्वविद्यालय की फतेहपुर बेरी में एक कॉलेज स्थापित करने की भी योजना है। जिसके लिए दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, स्वामी विवेकानंद, वीर सावरकर और सरदार पटेल, सावित्री बाई फुले, डीयू के पूर्व छात्र अरुण जेटली, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और चौधरी ब्रहमप्रकाश के नाम प्रस्तावित किए गए थे। एकेडमिक काउंसिल ने बैठक में नाम को अंतिम रूप देने के लिए कुलपति को अधिकृत किया था। अब इन नामों पर भी मंगलवार को चर्चा होगी। बैठक के एजेंडे में अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी की नियुक्ति भी शामिल है।