उत्तराखंड। टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली हॉकी खिलाड़ी और हरिद्वार की बेटी वंदना कटारिया को रुड़की में टाटा मोटर्स की ओर से अल्ट्रोज कार का टॉप मॉडल बतौर उपहार भेंट किया गया। इस दौरान परिजन भी उनके साथ थे। इससे पहले रुड़की पहुंचने पर टाटा मोटर्स के शोरूम मिडास मोटर्स के स्टाफ ने उन्हें गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया। रोशनाबाद निवासी वंदना कटारिया को टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने पर हाल ही में टाटा मोटर्स ने उपहार स्वरूप अल्ट्रोज कार देने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्हें रुड़की में देहरादून हाईवे स्थित टाटा के शोरूम मिडास मोटर्स में आमंत्रित किया गया था। शुक्रवार को दोपहर बाद वंदना परिजनों के साथ शोरूम पहुंचीं। यहां आतिशबाजी और गाजे-बाजे के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया। भारी संख्या में लोग वंदना के स्वागत के लिए मौजूद थे। हर कोई वंदना को देखने के लिए उत्सुक था। सभी मोबाइल से वंदना की तस्वीर ले रहे थे और उनके साथ सेल्फी खींच रहे थे। मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश सिंघल ने अल्ट्रोज कार की चाभी सौंपकर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में जिस तरीके से महिला हॉकी टीम ने प्रदर्शन किया वह तारीफ के काबिल है। वंदना देश के लिए दो बार ओलंपिक खेल चुकी हैं। इस बार उन्होंने हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया। उन्होंने हरिद्वार जिले और देवभूमि उत्तराखंड का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है। इस मौके पर जीएम सुधीर त्यागी, टीम लीडर शादाब, जसवीर सिंह, सावन, विराट राणा मौजूद रहे। वंदना कटारिया ने कहा कि अभिभावक अपनी बेटियों के पांव की बेड़ियां न बनकर पंख बनें ताकि बेटियां उड़ान भरकर सफलता हासिल कर सकें। कहा कि उन्हें बचपन से ही खेल का शौक था, लेकिन परिजनों ने कभी उन्हें रोका नहीं। हर कदम पर साथ दिया। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है, बस कठिन परिश्रम की जरूरत जरूर पड़ती है। कहा कि टोक्यो ओलंपिक में उनकी टीम मेडल नहीं जीत पाई, इसका उन्हें हमेशा मलाल रहेगा। इसके बावजूद देश ने महिला हॉकी टीम को पूरा सम्मान दिया है। वह जहां भी जा रही हैं, ओलंपिक पदक विजेता की तरह सम्मानित किया जा रहा है। इससे उनके साथ ही पूरी टीम का हौसला बढ़ रहा है। अब उनकी निगाहें अगले ओलंपिक पर है। वंदना ने नारी शक्ति के लिए कहा कि उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए आगे आना होगा। प्रदेश सरकार खिलाड़ियों का पूरा सहयोग कर रही है। इसलिए अब अवसर है कि महिलाएं भी अपने हुनर को आगे लाएं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले उनके परिजन उन्हें रोक देते तो शायद ही वे देश के लिए कुछ कर पातीं, लेकिन उनके परिजनों ने विपरीत परिस्थितियों में भी पूरा सहयोग दिया।