गोरखपुर। कोरोना और वायरल फीवर सहित अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार ने रोजमर्रा के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली 39 दवाओं का मूल्य कम करने का फैसला लिया है। इन दवाओं को मूल्य नियंत्रित सूची (डीपीसीओ) में शामिल करने का फैसला लिया गया है। इन दवाओं में बुखार से लेकर शुगर की दवा टेनेलिग्लिप्टिन, टीबी की दवा बेडाक्यूलिन और डेलामानिड, कोरोना के इलाज की दवा आईवरमेक्टिन, बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए दी जाने वाली वैक्सी रोटावायरस आदि हैं। केंद्र सरकार का यह फैसला तब आया है जब मौजूदा समय में प्रदेश में लोग बुखार के प्रकोप से जूझ रहे हैं। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका अक्तूबर में जताई जा रही है। 39 दवाओं की सूची में एंटी कैंसर, एंटी डायबिटिक, एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीरेट्रोवायरल और एंटी टीबी जैसे दवाएं शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर दवाओं का प्रयोग सामान्य तौर पर डॉक्टर मरीजों के इलाज में करते हैं। इन दवाओं की खपत भी सबसे अधिक है। दवा विक्रेता समिति के जिलाध्यक्ष व केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के प्रदेश प्रवक्ता योगेंद्र नाथ दूबे ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने केंद्र सरकार को मौजूदा समय में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की सूची सौंपी थी। इसी को आधार मानकर कीमत कम करने का फैसला लिया गया है। बताया कि सरकार ने जरूरी दवाओं की सूची में भी संशोधन किए हैं। इन दवाओं में दर्द निवारक व बुखार की दवा डाइक्लोफिनेक सोडियम व पेरासिटामोल, एसिडिटी की दवा रेबीप्राजोल, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जिंक सल्फेट, कैल्शियम कार्बोनेट, विटामिन-डीथ्री, डायबिटीज की दवा ग्लिप्टीन, मेटफॉर्मिन शामिल हैं। योगेंद्रनाथ दूबे ने बताया कि केंद्र सरकार की नेशनल फॉर्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने इस पर सहमति जताई है। पहले चक्र में दर्द निवारक, बुखार, एसिडिटी, डायबिटीज, कैल्शियम, विटामिन समेत 19 दवाओं के रेट कम किए गए हैं। शेष दवाओं की नई कीमत की सूची कुछ दिनों बाद जारी होगी।