नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है। दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाला कोई भी शिक्षक विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर सकेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह घोषणा की है। कोर्स का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। शिक्षकों को ऑनड्यूटी मानते हुए आधिकारिक अवकाश भी दिया जाएगा। दिल्ली सरकार द्वारा रविवार को त्यागराज स्टेडियम में समारोह का आयोजन किया गया। इसमें 122 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर शिक्षा सचिव एच. राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा और शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार होते हैं। शिक्षकों द्वारा शिक्षा की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। स्कूलों के बंद होने के बाद किसी को अंदाजा नहीं था कि टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस को कैसे आगे बढ़ाया जाए, लेकिन शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने कठिनाइयों का सामना करते हुए अविश्वसनीय धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाया। शिक्षकों ने ‘लर्निंग नेवर स्टॉप’ का संदेश देते हुए सुनिश्चित किया कि कैसे नए माध्यमों और नवाचारों द्वारा छात्रों तक पहुंचकर उनकी पढ़ाई जारी रखी जाए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की ई-मैगजीन नई उड़ान के पहले अंक का विमोचन भी किया। नई उड़ान पत्रिका एक त्रिमासिक विज्ञान पत्रिका है। सम्मानित होने वाले सभी शिक्षकों में स्पेशल एडुकेटर, म्यूजिक और आर्ट टीचर, लाइब्रेरियन, मेंटर टीचर, स्पोर्ट्स टीचर और वोकेशनल टीचर शामिल रहे। पर्यवेक्षण के आधार पर शिक्षा में अनुकरणीय कार्य करने वाले शिक्षकों को दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए। इनमें भारती कालरा और सरिता रानी भारद्वाज शामिल हैं। इस साल से फेस ऑफ डीओई के नाम से भी दो पुरस्कार दिए गए। इनमें राजकुमार और सुमन अरोड़ा शामिल हैं।