नई दिल्ली। मोदी सरकार के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के मद्देनजर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ वर्ष में चार महत्वपूर्ण अभियानों के आयोजन का फैसला किया है। इनमें से दो अभियान शुरू हो गए हैं जबकि दो अन्य अभियानों का शुभारंभ आगमी 15 सितंबर से होने जा रहा है। इस क्रम में स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करने के लिए देश के सभी 36 राज्यों व केद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों से ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्राएं’ निकाली जाएंगी। ग्राम पंचायत स्तर पर जागृति यात्रा भी निकाली जाएगी। दूसरी ओर स्वच्छता ही सेवा के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक से आजादी के अभियान का भी शंखनाद होगा। ये दोनों ही अभियान आगामी 15 सितंबर से आरंभ होकर दो अक्टूबर तक चलाए जाएंगे। जलशक्ति मंत्रालय ओडीएफ स्थाायित्व और ओडीएफ प्लस का लक्ष्य हासिल करने वाले स्वच्छता संवाद और स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान की शुरुआत पहले ही कर चुका है। देश की आजादी के 75वें वर्ष के आरंभ के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 12 मार्च को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ वर्ष का शुभारंभ किया था। इसके तहत आगामी देशभर में 15 अगस्त 2022 तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ वर्ष के मद्देनजर आरंभ किए गए अभियानों से ग्रामीण स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत ओडीएफ के स्थायित्व और सिंगल यूज प्लास्टिक से आजादी के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा। जल शक्ति मंत्रालय की सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्रा सभी 36 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी से शुरू होगी। सभी जिलों में घूमकर स्वतंत्रता संग्राम में विशेष महत्व रखने वाले स्थान पर संपन्न होगी, जहां लोग एकत्रित होंगे। इसी प्रकार स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान में 100 दिन के दौरान 10 लाख सोख गढ्ढे सामुदायिक स्तर पर खोदे जाएंगे। स्वच्छता ही सेवा के तहत ग्राम सभा की खुली बैठकों में सिंगल यूज प्लास्टिक से 2022 तक आजादी और निर्धारित तिथि तक ओडीएफ प्लस बनने के लिए सभी उपाय करने को लेकर संकल्प पारित किए जाएंगे। स्वच्छता के लिए अच्छा काम करने वाले स्वच्छता सैनिकों को सम्मानित भी किया जाएगा। जलशक्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अरुण बरोका ने राज्यों को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान में स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण, 15वें वित्त आयोग से मिले फंड और मनरेगा फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।