उत्तराखंड। देश का शीर्ष तकनीकी संस्थान अपने यहां न केवल गैर हिंदी भाषी लोगों को हिंदी का ज्ञान बांट रहा है, बल्कि विदेशी छात्रों को भी राजभाषा की शिक्षा दे रहा है। यही नहीं हर साल परीक्षा और परिणाम के साथ ही प्रोत्साहन के लिए नकद इनाम और प्रशस्तिपत्र भी दिए जा रहे हैं। हालांकि दो साल से कोरोना के चलते ऑनलाइन कक्षाएं ही संचालित की जा रही हैं। इसके बावजूद हिंदी के ज्ञान और प्रसार का काम लगातार किया जा रहा है। गौरतबल है कि आईआईटी रुड़की में विभिन्न देशों के करीब 140 छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। इनमें पीएचडी और पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्र शामिल हैं। इनमें ज्यादा संख्या नेपाल, अफगानिस्तान, भूटान, इथोपिया, श्रीलंका, थाइलैंड, इंडोनेशिया और वियतनाम आदि की है। हिंदी के ज्ञान से अनभिज्ञ इन छात्रों को हिंदी सिखाने के लिए संस्थान के हिंदी सेल की ओर से विशेष प्रयास किए जाते हैं। इसके तहत हर साल औसतन 20 से 25 विदेशी और करीब इतने ही गैर हिंदी प्रदेशों के प्रोफेसर, अधिकारी एवं कर्मचारियों को हिंदी की कक्षाएं दी जाती हैं। पिछले दो साल से कोरोना के चलते वर्तमान में गैर हिंदी प्रदेशों के छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। इस सत्र में हिंदी सीखने के लिए आवेदन पत्र जारी किए गए हैं। इसके बाद यहां हिंदी सीखने वालों की संख्या में इजाफा होगा।