जम्मू’कश्मीर। घाटी में रह रहे कश्मीरी हिंदुओं को अल्पसंख्यक व एससी/एसटी कोटे की तर्ज पर देश भर के व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों में दाखिला व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य सचिव को इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव इस याचिका में उठाई गई मांग पर गंभीरता से गौर करें। जितनी जल्द हो सके, इस पर अमल भी किया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी समस्याओं को लिखित में दो सप्ताह के भीतर सरकार को सौंपें। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि विस्थापित कश्मीरी विस्थापितों को तो शिक्षा में विशेष कोटे की सुविधा मिल रही है। जो कश्मीरी हिंदु परिवार विस्थापित नहीं हुए हैं, उन्हें भी यह लाभ मिलने चाहिए। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल और जस्टिस विनोद चटर्जी कौल ने बुधवार को सुनवाई के बाद मुख्य सचिव को निर्देश जारी किए। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव इस मामले पर गंभीरता से गौर करें। इस पर फौरी तौर पर अमल भी किया जाए। याची पक्ष को अगले दो सप्ताह में अपनी समस्याओं को लेकर सरकार के समक्ष बात रखनी होगी। याची पक्ष ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों को व्यावसायिक संस्थानों में दाखिले को लेकर देश के अन्य हिस्सों में केंद्रीय एवं प्रदेश अल्पसंख्यक कोटे व एससी एसटी कोटे में छूट मिलती है। इसी तरह से कश्मीर में रहने वाले हिंदु कश्मीरी पंडितों के परिवारों को भी यह छूट मिलनी चाहिए।