नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंत्री समूह का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता राजनाथ सिंह करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इसका काम अनुसूचित जाति, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने और इसकी निगरानी का जिम्मा होगा। पहली बार इस तरह के मंत्री समूह का गठन किया गया है। ये फैसला ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में अगली साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। शिक्षा मंत्री व भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी इस मंत्री समूह का हिस्सा हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मुख्तार अब्बास नकवी, अर्जुन मुंडा, किरेन रिजिजू और वीरेंद्र कुमार भी इस पैनल में शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक पहली बार इस मंत्री समूह की बैठक गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई। गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस मंत्री समूह के सदस्य हैं लेकिन वे दोनों बैठक में शामिल नहीं हो पाए। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में इन वर्गों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की गई। इन्हें और प्रभावी ढंग से लागू करने पर चर्चा हुई। मंत्री समूह का मुख्य उद्देश्य पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों का कल्याण है। बैठक के दौरान कई मंत्रियों ने सुझाव दिया कि इन योजनाओं को सही लोगों तक प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। बता दें कि यूपी समेत कई राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मोदी सरकार अपने मंत्रियों को पूरी तरह सक्रिय कर लाभकारी योजनाओं के जरिए लोगों तक पहुंचना चाहती है। इसी के तहत पीएम मोदी ने दो दिन पहले चिंतन शिविर भी आयोजित किया था, जो पांच घंटे चली थी। आगे भी ऐसे शिविर आयोजित होने हैं, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों के साथ अहम चर्चा होगी।