वित्त मंत्रालय ने सख्ती को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय के प्रस्तावों पर जताई आपत्ति

नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सख्त नियम बनाने को लेकर सरकार के मंत्रालयों में ही सहमति नहीं बन पा रही। नियमों में बदलाव पर जारी उपभोक्ता मंत्रालय के प्रस्तावों पर वित्त मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। मंत्रालय का कहना है कि इसमें कई प्रस्ताव अतिरिक्त में बनाए गए और उनका कोई आर्थिक औचित्य नहीं है। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय ने करीब 12 प्रस्तावों पर असहमति जताई है। हालांकि इसमें कौन-कौन से नियम शामिल हैं, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। उपभोक्ता मंत्रालय ने 21 जून, 2021 में ई-कॉमर्स नियमों को सख्त बनाने के लिए मसौदा तैयार किया था। इसमें कंपनियों को भारी-भरकम छूट वाली सेल चलाने पर भी रोक लगा दी गई थी, जिसे बाद में सुधार करते हुए बाजार नियमों के साथ चलाने की अनुमति दी थी। सरकार की सार्वजनिक नीतियों की जानकारी रखने वाली कानूनी फर्म पीएलआर चैंबर्स के प्रबंध भागीदार सुहान मुखर्जी का कहना है कि वित्त मंत्रालय ने अपनी चिंताएं बताते हुए ई-कॉमर्स नीतियों पर दोबारा विचार करने को कहा है। नीतियों में यह बदलाव ब्रिक एंड मोर्टर रिटेलर्स की ओर से विदेशी कंपनियों द्वारा बाजार नियमों के उल्लंघन की शिकायत पर किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *