नई दिल्ली। कोरोना महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बीच वित्त मंत्रालय 2022-23 के सालाना बजट की कवायद 12 अक्टूबर से शुरू करने जा रहा है। सरकार के इस बजट का ध्यान आर्थिक वृद्धि को गति देने पर होगा। साथ ही कोविड महामारी की तीसरी लहर के खतरों के बीच राजकोषीय विवेक भी बरकरार रखना होगा। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र की तैयारियां भी शुरू कर दी है। सरकार इस सत्र में पारित कराए जाने वाले विधेयकों की तैयारियों में जुट गई है। हालांकि अभी शीतकालीन सत्र की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। आमतौर संसद का शीत सत्र नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले हफ्ते में शुरू होता है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले साल शीत सत्र नहीं हो पाया था। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पिछले हफ्ते सभी सचिवों को पत्र लिखकर विधेयकों की तैयारियां तेज करने को कहा। उन्होंने अपने पत्र में सचिवों से आगामी शीतकालीन सत्र में प्रस्तावित विधायी कार्यों का विस्तृत मूल्यांकन करने के लिए कहा है और उसी के मुताबिक समयबद्ध तरीके से सभी कार्रवाई की तैयारी करने को कहा है। इसके अलावा कैबिनेट सचिव ने विधायी प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए कहा है, जो वर्तमान में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं, साथ ही नए विधायी कार्यों की भी समीक्षा करने को कहा है, जो आगामी सत्र में पेश किए जाने के लिए प्रस्तावित हैं। संसद का मानसूत्र सत्र कृषि कानून और पैगासस के मुद्दे पर चल नहीं सका था। हालांकि इस दौरान भी सरकार ने ओबीसी आरक्षण पर संवैधानिक संशोधन विधेयक सहित कुल 22 विधेयक संसद में पास कराए थे।