उत्तराखंड। मवेशियों के शरीर पर पाए जाने वाले माइट्स (घुन कीट) के कारण स्क्रब टाइफस संक्रामक रोग होता है। पर्वतीय क्षेत्रों में गोशालाएं घरों के नीचे या पास में बनाई जाती हैं। जिससे जानलेवा संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के सामुदायिक एवं फेमिली मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और आउटरीच सेल के नोडल अफसर डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि स्क्रब टाइफस माइट्स में मौजूद ओरएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टरिया के कारण होने वाला रोग है। यह माइट्स मुख्य तौर पर दुधारू और कृषि उपयोगी मवेशियों, जंगलों और गॉर्डन में पाया जाता है। डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्रों में कृषि और पशुपालन लोगों की आजीविका के मुख्य स्त्रोत है। पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों में गोशालाएं घरों के नीचे या ठीक बगल में बनाई जाती हैं। जिससे माइटस घरों में दाखिल हो जाते हैं। इन माइट्स के काटने से व्यक्ति स्क्रब टाइफस के संक्रमण की चपेट में आ जाता है। इसलिए संक्रमण की रोकथाम के घरों और जानवरों की साफ-सफाई पर जोर देना और सावधानी बरतना जरूरी है।