स्वास्थ्य बीमा खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान…
नई दिल्ली। भारत में कई कर्मचारी जीवनभर ग्रुप मेडिक्लेम या ऑफिस की ओर से दिए गए मेडिक्लेम पर निर्भर रहते हैं। लेकिन जब वे रिटायर होते हैं, तो उनके पास हेल्थ कवर नहीं होता है। अगर होता भी है तो इतना कम जो अस्पताल के खर्च को पूरा नहीं कर सकता। वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस बेहद जरूरी है। रिटायरमेंट के बाद स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च बढ़ता जाता है। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस रिटायरमेंट के बाद भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कामकाजी जीवन के दौरान। बाजार में जनता के लिए कई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध हैं। लेकिन जब बात रिटायरमेंट की आती है, तो ज्यादा लाभ के लिए आपको उस वक्त के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इसके बारे में। क्लेम के खारिज होने से बचने के लिए दस्तावेजों और गंभीर बीमारी की कवर सूची को ध्यान से पढ़ें। कुछ बीमारियों के मामले में क्लेम की राशि पॉलिसी में तय सम अश्योर्ड राशि से परे अपेक्षाकृत कम होती है। हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले ही जान लें कि कंपनी मौजूद बीमारी को कवर करेगी या नहीं। कुछ बीमा कंपनियां पहले से मौजूद बीमारी को कवर करती हैं और कुछ नहीं। ऐसे में आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। पॉलिसी खरीदने से पहले ही उसका मूल्यांकन करें। वेटिंग पीरियड 24 महीने से 48 महीने तक का हो सकता है। इसलिए वही योजना चुनें जो कम वेटिंग पीरियड में आपकी मौजूदा बीमारी कवर करती हैं। पॉलिसीधारक बीमित सेवाओं के लिए पहले से तय राशि का अपनी जेब से भुगतान करता है। इसे को-पेमेंट क्लॉज कहा जाता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाजार में उपलब्ध लगभग सभी योजनाएं को-पेमेंट की शर्त के साथ आती हैं। इसलिए आप वहीं योजना चुनें जो आपको पहले से मौजूद और अन्य क्लेम पर कम फीसदी भुगतान करने का ऑफर देती हो। अतिरिक्त प्रीमियम देकर इस को-पेमेंट को माफ करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। कई ऐसी कंपनियां हैं जो अस्पताल में कमरे और आईसीयू के लिए भुगतान को सीमित रखती हैं। उन सीमाओं के बाद का भुगतान पॉलिसीधारक को ही करना होता है। इसलिए इंश्योरेंस लेने से पहले इस बात पर ध्यान देना जरूरी है। केवल उन्हीं इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनें जो आपके अस्पताल में भर्ती होने पर आपके पूरे इलाज (कमरे का किराया और नर्सिंग के खर्चों सहित) को कवर करती हैं। रिटायरमेंट के बाद पॉलिसी टर्म के प्रीमियम के भुगतान के लिए आपको दिक्कत आ सकती है। मालूम हो कि अनेक बीमा कंपनियां अधिकतम पॉलिसी टर्म पर एकमुश्त प्रीमियम भरने पर छूट देती करती हैं। इसलिए आप फैमिली डिस्कांउट और कंपनी द्वारा निर्धारित अवधि में टेस्ट रिपोर्ट्स को जमा करने पर डिस्काउंट का लाभ ले सकते हैं।