उत्तराखंड। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट की गुत्थी भले ही नहीं सुलझी, लेकिन अखाड़े के पंच परमेश्वरों ने संत बलबीर गिरि को बाघंबरी पीठ और लेटे हनुमान की गद्दी सौंपने पर सहमति दे दी है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के षोडशी के बाद पांच अक्टूबर को संत बलबीर गिरि की शर्तों के साथ ताजपोशी की जाएगी। श्री निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्रपुरी सहित पांच संतों का सुपरवाइजरी बोर्ड बनेगा। बोर्ड ही बाघंबरी पीठ और लेटे हनुमान मंदिर की संपत्ति से लेकर 30 बीघा जमीन की देखरेख करेगा। बिना बोर्ड की अनुमति के बलबीर गिरि को संपत्ति बेचना का अधिकार नहीं होगा। संन्यास परंपरा का उल्लंघन या फिर किसी भी तरह का विवाद होने पर बोर्ड को बलबीर गिरि को गद्दी से हटाने की अधिकार होगा। 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की प्रयागराज बाघंबरी पीठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव कमरे में पंखे पर लटका मिला। उसके बाद उनका कथित सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई पन्नों के कथित सुसाइड नोट में शिष्य संत बलबीर गिरि को ही उत्तराधिकारी बनाए जाने का जिक्र था। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि से लेकर श्री निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि एवं सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी समेत सभी संतों ने कथित सुसाइड नोट को नकार दिया। इसे साजिश बताते हुए नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत को हत्या बताते हुए सवाल उठा दिए। मामले की अब सीबीआई जांच कर रही है।