नई दिल्ली। मिताली राज एंड कंपनी 15 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आज जब टेस्ट खेलने उतरेगी, तो उसकी निगाह इस टीम के खिलाफ अपनी पहली जीत दर्ज करने पर होगी। भारतीय टीम पहली बार गुलाबी गेंद से खेल रही है लिहाजा खिलाड़ियों को तनिक भी आभास नहीं है कि चमकदार गुलाबी गेंद का क्या असर होगा। ऑस्ट्रेलिया ने दिन -रात का एकमात्र टेस्ट नवंबर 2017 में इंग्लैंड से खेला था, जो ड्रॉ रहा था। उसे भी अभ्यास का ज्यादा मौका नहीं मिल सका लेकिन मेट्रिकॉन स्टेडियम की हरी भरी पिच पर उसके तेज गेंदबाज कहर बरपा सकते हैं। भारत ने सात साल बाद पहला टेस्ट खेलते हुए जून में इंग्लैंड को ड्रॉ पर रोका था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे में मिली जीत के बाद भारतीय टीम आत्मविश्वास से ओतप्रोत है। टीम अपने पहले दिन-रात्रि टेस्ट में उसी लय को कायम रखना चाहेगी। तीसरा वनडे रविवार को खेला गया और सोमवार को विश्राम का दिन था तो टीम को टेस्ट की तैयारी के लिए दो ही सत्र मिले। वनडे सीरीज में भारत को 1-2 से हार मिली थी। खिलाड़ियों और विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि गुलाबी गेंद की चुनौती काफी कठिन होगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी टेस्ट 2006 में खेला था। दोनों टीमों की मौजूदा खिलाड़ियों में सिर्फ मिताली राज और झूलन गोस्वामी ही हैं जो टेस्ट खेल चुकी हैं। भारत की पूर्व कप्तान और बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की सदस्य शांता रंगास्वामी ने कहा कि मैं इसे भारतीय टीम की अग्निपरीक्षा कहूंगी। खिलाड़ियों ने पिछले तीन-चार साल में लाल गेंद से ही कम खेला है। दिन-रात्रि टेस्ट तो बिल्कुल ही अलग है और चुनौती काफी कठिन है। हरमनप्रीत कौर इस मैच में भी नहीं खेल सकेंगी। हालांकि उन्होंने नेट अभ्यास किया था। मिताली ने कहा कि हरमन के अंगूठे में फील्डिंग के दौरान चोट लगी थी, इसलिए वह बाहर हैं। अभी उसकी चोट पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है।