चुनावी वैतरणी पार लगाने के लिए भाजपा को कद्दावर नेताओं की है तलाश

जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहट के बीच चुनावी वैतरणी पार लगाने के लिए भाजपा को कद्दावर नेताओं की तलाश है। दिल्ली में शीर्ष स्तर के पार्टी नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रिपोर्ट और स्थानीय लोगों में आक्रोश को लेकर मिल रहीं सूचनाओं के बाद गहन चिंतन-मंथन में जुट गए हैं। उच्च स्तरीय बैठक में जनाधार वाले नेताओं को पार्टी में लाने पर सहमति बनी है। केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि चुनाव जीतने के लिए जनाधार वाले नेता को भगवा खेमे में लाना जरूरी है चाहे वह किसी भी दल का हो। तभी 50 प्लस का सपना साकार हो सकता है। अनुच्छेद-370 व 35-ए हटाए जाने के बाद पार्टी नेतृत्व को भरोसा था कि प्रदेश में भाजपा को बेहतर माहौल मिलेगा और सरकार बनाकर देश-दुनिया को सकारात्मक संदेश दिया जा सकेगा। अगस्त 2019 के बाद दो साल में हुए पंचायत व निकाय चुनाव में भाजपा को सफलता भी मिली, लेकिन महंगाई व अन्य मुद्दों को लेकर धीरे-धीरे लोगों का मोहभंग हो रहा और उनमें आक्रोश पनपने लगा। आरएस पुरा इलाके में पार्टी की ओर से बुलाई गई बुद्धिजीवियों की बैठक में जिस तरह का लोगों का आक्रोश खुलकर सामने आया उसने पार्टी के कान खड़े कर दिए। पिछले दिनों चैंबर के आह्वान पर सफल जम्मू बंद ने और चिंता बढ़ाई। इसके कुछ दिनों बाद भाजपा कोर ग्रुप की हुई बैठक में इसकी काट खोजने की रणनीति बनाते हुए तय किया गया कि घर-घर तक पहुंचा जाए। लोगों के मुद्दे व समस्याओं को प्राथमिकता पर लिया जाए। जानकार बताते हैं कि फीडबैक के आधार पर ही केंद्रीय नेताओं के दौरे भी तय किए गए हैं ताकि आम जनता तक कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाया जा सके।

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