नई दिल्ली। अफगानिस्तान में हालात को लेकर मंगलवार को होने वाले जी-20 नेताओं के शिखर सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। वर्चुअल माध्यम से होने वाले इस सम्मेलन में तालिबान द्वारा सत्ता का नियंत्रण हासिल करने के बाद युद्ध ग्रस्त देश में बनी स्थिति पर व्यापक विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी भी इस सम्मेलन का हिस्सा बनेंगे। मंत्रालय ने बताया कि इस सम्मेलन के एजेंडा में अफगानिस्तान में मानवीय जरूरतों को लेकर प्रतिक्रिया, सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और मानवाधिकारों पर विचार-विमर्श जैसे प्रमुख मुद्दे शामिल हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, जी-20 की इटली की अध्यक्षता की ओर से निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 12 अक्तूबर को अफगानिस्तान पर वर्चुअल माध्यम से होने वाले जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेलन का आयोजन इटली कर रहा है, जो जी-20 का वर्तमान अध्यक्ष है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने अफगानिस्तान के हालात पर एससीओ सीएसटीओ (कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) आउटरीच शिखर सम्मलेन में हिस्सा लिया था। इस दौरान पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम को लेकर भारत का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि इसका सबसे ज्यादा असर भारत जैसे पड़ोसी देशों पर होगा। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर हाल ही में न्यूयॉर्क में अफगानिस्तान पर जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे।