एस्ट्रोलॉजी। आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है, चन्द्रमा आज के दिन पृथ्वी के अत्ति निकट होता है और चन्द्रमा के 16 कलाओ की आभा पृथ्वी के प्रत्येक जीव और चरचार को प्रभावित करता है। 19 अक्टूबर की रात्रि चन्द्रमा पूर्णतः अपनी सम्पूर्ण 16 कलाओ से परिपूर्ण होगा और पूर्णिमा तिथि की उदायमान तिथि 20 अक्टूबर को मान्य है। रेवती नक्षत्र मे 19 को चंद्र उदय होगा जो अपने आप मे दुर्लभ योग है, क्योंकि बुध के नक्षत्र मे यह पूर्णिमा समस्त तरल पदार्थो को प्रभावित करेगा। कुछ विशेष प्रयोग है जो पूर्णिमा मे करने से अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। लक्ष्मी पूजन और लक्ष्मी प्राप्ति:- गाय का घी: रात्रि समय मे घी को चन्द्रमा की रौशनी मे रखे उसके उपरांत घी को सुरक्षित रखे और दीपावली पर इस घी का दीपक प्रज्जवलित करे। माँ लक्ष्मी की अनंत कृपा प्राप्त होती है और घर मे ख़ुशी का वातावरण बनता है, जो बच्चे शारीरिक तोर पर दुर्बल हो उनको इस घी का मालिश किया जाए, स्वास्थ्य मे लाभ होगा। बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए