नई दिल्ली। देश ने टीकाकरण अभियान में एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है। जिसने अपने नागरिकों को कोरोना रोधी टीके की 100 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई हैं। भारत में टीकाकरण अभियान शुरू होने के सिर्फ नौ महीने के अंदर ही इस उपलब्धि को हासिल कर लिया गया। 100 करोड़ का आंकड़ा पार होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया है। हालांकि इस बीच एक एजेंसी के सर्वे में सामने आया है कि अभी 61 फीसदी लोग कोरोना की बूस्टर डोज को भी जरूरी मनाते हैं। लोकल सर्किल एजेंसी ने हाल ही में एक सर्वे किया। इसमें सामने आया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 61 फीसदी लोग दो वैक्सीन की डोज लगने के बाद अगले छह माह में बूस्टर लगवाने के लिए भी तैयार हैं। जबकि सर्वे में 28 फीसदी लोगों ने कहा कि देश में जब कोरोना की तीसरी लहर आएगी। उस दौरान वे वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाएंगे। जबकि छह फीसदी लोगों ने यहा कहा वे बूस्टर डोज की कोई जरूरत महसूस नहीं करते हैं। वहीं छह फीसदी लोगों ने अभी ये सोचा नहीं है कि बूस्टर डोज लें या नहीं। लोकल सर्किल द्वारा किए गए सर्वे में टियर वन सिटी से 43 फीसदी, टियर टू सिटी से 29 फीसदी, टियर थ्री सिटी से 4 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों से 28 फीसदी लोगों ने भाग लिया। इसमें 68 फीसदी पुरुष और 32 फीसदी महिलाओं ने भी अपना मत रखा। देश की 30 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। इनमें 10 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें पहली डोज लगी है। देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के 75 फीसदी लोगों को पहली वैक्सीन लग चुकी है। 25 फीसदी बालिग अब भी ऐसे हैं, जो वैक्सीन लगाने के लिए योग्य तो हैं लेकिन अभी भी उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है।