नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून सोमवार को पूरे देश से हट गया है। साल 1975 के बाद से यह सातवीं सबसे विलंब वाली मानसून वापसी है। आईएमडी ने एक बयान में कहा कि देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश में उल्लेखनीय कमी के साथ दक्षिण-पश्चिमी मानसून आज पूरे देश से चला गया है। इसके साथ ही निचले क्षोभमंडल स्तरों में उत्तर-पूर्वी हवाओं के आने से उत्तर-पूर्वी मानसून की बारिश दूरस्थ दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में शुरू हो गई है। देश के अधिकांश हिस्सों में वर्षा गतिविधि में उल्लेखनीय कमी को देखते हुए, दक्षिण-पश्चिम मानसून आज पूरे देश से वापस आ गया है। इसके साथ ही, निचले क्षोभमंडल स्तरों में उत्तर-पूर्वी हवाओं की स्थापना के साथ, उत्तरपूर्वी मानसून की बारिश आज चरम दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में शुरू हो गई है। आईएमडी ने कहा कि उत्तर-पूर्वी मानसून अक्तूबर से दिसंबर तक देश के दक्षिणी राज्यों में बारिश की स्थिति बनाता है, इसके भी इस साल सामान्य रहने की संभावना है। बयान के अनुसार देश से दक्षिण-पश्चिमी मानसून 2021 की वापसी 1975-2021 के दौरान सातवीं सबसे विलंब वाली वापसी है। आईएमडी डाटा के अनुसार 2010 से 2021 के बीच मानसून की वापसी 25 अक्तूबर या इसके बाद पांच बार हुई। ऐसा 2010, 2016, 2017, 2020 और 2021 में हुआ है। यह छह अक्तूबर को पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे गुजरात से घटने लगा था, जिससे यह 1975 के बाद से दूसरा सबसे अधिक देरी वाला मानसून बन गया था। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिमी भारत से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी आमतौर पर 17 सितंबर से शुरू हो जाती है। आईएमडी के डाटा के अनुसार पिछले साल मानसून की वापसी 28 सितंबर को शुरू हुई थी तो 2019 में नौ अक्तूबर को। साल 2018 में मानसून वापसी 29 सितंबर को, 2017 में 28 सितंबर को और 2016 में 15 सितंबर को शुरू हुई थी। इसके अनुसार जून से सितंबर के बीच चार महीने के दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दौरान देश में सामान्य बारिश दर्ज की गई।