उत्तराखंड। केदारपुरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धामों में किए जा रहे कार्यों और विभिन्न विकास योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जो पहले नामुमकिन लग रहे थे। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। जिनमें से बहुत सी योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और अन्य पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहाड़ में रेल का सपना देखते थे। पीएम मोदी ने इस सपने को साकार किया है। आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और सामरिक दृष्टि एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए लाइफलाइन है। यह परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी और पर्यटन को बढ़ावा देंगी। वहीं इन परियोजनाओं से हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन आने वाला है। उन्होंने बताया कि केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान हैं। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए 245 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृत हो चुकी है। गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए भी करोड़ों रुपये के कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री जो कहते हैं, जो सोचते हैं, वही अंतोत्गत्वा करते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का हिमालय और यहां पर स्थित मंदिरों से विशेष लगाव रहा है। चाहे कैलाश मानसरोवर की यात्रा हो या केदारपुरी में तप एवं ध्यान साधना हो। यहां की भूमि से प्रधानमंत्री ने हमेशा एक असीम आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा प्राप्त की है। जिसने उन्हें निरंतर देश के समग्र कल्याण के लिए कार्य करने की शक्ति दी है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म संस्कृति में आदि गुरु शंकराचार्य जी को कौन नहीं जानता। वह भारत की राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक चेतना के सूत्रधार थे। भारत की गौरवशाली संस्कृति, परंपराओं, वेदों एवं उपनिषेदों के असीम ज्ञान के संरक्षण व संवर्धन का श्रेय आदि गुरु शंकराचार्य को ही जाता है। उनकी इसी महान परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हो रहा है।