नई दिल्ली। लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। व्रती सुबह के वक्त स्नान कर व्रत का खाना पकाया और इसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर व्रत की शुरुआत की। व्रतियों ने नहाय-खाय के दौरान चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी खा कर व्रत को शुरू किए। इसके साथ ही व्रति दूसरे दिन के व्रत खरना की तैयारी भी जुट गए। खरना आज यानि मंगलवार को है, इस दिन गुड़ और चावल की विशेष खीर (रसियाव) बनाई जाएगी। पूरे दिन उपवास के बाद व्रती शाम को रसियाव-रोटी के साथ फल के रूप में केला, मूली व अदरख ग्रहण करेंगे। प्रसाद ग्रहण करने के पहले प्रसाद स्वरूप (नेवज) निकालेंगे, जिसे व्रतियों के खाने के बाद परिवार के सभी सदस्य प्रसाद के रूप में खाएंगे। इसके बाद व्रतियों का निर्जला उपवास बृहस्पतिवार सुबह भगवान भास्कर के अर्घ्य देने तक जारी रहेगा। भगवान भास्कर के चार दिनों के इस अनुष्ठान को लेकर राजधानी के कई इलाके गुलजार हो गए है। स्वच्छता के माहौल में पूर्वांचल बाहुल्य क्षेत्र पूरी तरह से छठमय हो गया है। अनाधिकृत कॉलोनी ही नहीं अपार्टमेंट, फ्लैट्स में रहने वाले पूर्वाचलियों के घरों में छठी मइया के गीतों से भक्ति की बयार बह रही है। इस बार यमुना किनारे व्रत की अनुमति नहीं मिलने की वजह से सूर्य उपासना के इस पर्व पर सूर्य का अर्घ्य देने के लिए इंतजाम में घर के पुरुष सदस्य जुटे हुए हैं। कोई अपने छत पर अर्घ्य दिलाने की तैयारी करा रहा है तो कोई घरों की बाल्कनी में। वहीं छोटे-छोटे सीमेंटेड तालाब में भी पूजा करने की तैयारी है। अपार्टमेंट, सोसायटी, आवासीय परिसर में बने छोटे-छोटे पानी के तालाब में भी पूजा की तैयारी की जा रही है। व्रति बुधवार शाम को इस सांकेतिक तालाब के पास पहुंच कर पानी में सूप लेकर खड़ी होंगी और अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य देंगे और बृहस्पतिवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।