सीएंडवी-जेबीटी के सेवाकाल में होगा अंतर जिला तबादला
हिमाचल प्रदेश। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षकों का सेवाकाल में सिर्फ एक बार अंतर जिला स्थानांतरण होगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण नीति का नवीनतम स्वरूप अधिसूचित कर दिया है। दोनों श्रेणियों की जिलावार कैडर संख्या का सिर्फ पांच प्रतिशत स्थानांतरण एक वर्ष के दौरान किया जाएगा। अनुबंध सेवाकाल को जोड़कर पांच वर्ष सेवा पूरी करने वाले शिक्षक इसके लिए पात्र होंगे। शादी होने पर जिला बदलने की सूरत में महिला अध्यापकों को न्यूनतम सेवाकाल की शर्त से छूट दी गई है।
जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों के पहले 13 वर्ष का सेवाकाल पूरा होने पर दूसरे जिलों में तबादले होते थे। सरकार ने इस अवधि को घटाकर पांच वर्ष कर दिया है। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार अंतर जिला स्थानांतरण नीति प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत जिला कैडर की जेबीटी और सीएंडवी अध्यापकों पर लागू होगी। जेबीटी और सीएंडवी संवर्ग के 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले अध्यापकों को एक से दूसरे जिले में स्थानांतरण नीति में कोई न्यूनतम समय अवधि निर्धारित नहीं होगी। विशेष परिस्थितियों में 5 वर्ष से कम सेवाकाल के अध्यापकों के मामलों में केवल चिकित्सा आधार पर छूट दी जा सकती है। इसके लिए चिकित्सा बोर्ड का प्रमाण पत्र जमा करवाना होगा। अध्यापकों के परस्पर आधार पर अंतर जिला स्थानांतरण के आवेदनों पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए भी कोई न्यूनतम समयसीमा निर्धारित नहीं होगी। स्थानांतरण के आवेदन अधिक पाए जाते हैं, तो प्रतिवर्ष वरिष्ठता पर इन पर विचार किया जाएगा। दूसरे जिले में स्थानांतरण पर जाते समय अध्यापक को यात्रा भत्ता व कार्यभार संभालने के लिए समय नहीं मिलेगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि एडहोक, टैन्योर, अनुबंध, ग्रामीण विद्या उपासक, विद्या उपासक, एनटीटी, पैरा अध्यापकों से जेबीटी और सीएंडवी संवर्ग में नियमितीकरण से पूर्व के कार्यकाल को भी स्थानांतरण के लिए निर्धारित 5 वर्षों की गणना में शामिल किया जाएगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।