नई दिल्ली। साल 1934 की कैडिलैक इंपीरियल सेडान से एक पुरानी फिएट टोपोलिनो तक ऐसी करीब 20 पुरानी कारों को दिसंबर में नीलामी के लिए रखा जाएगा। आयोजकों ने मंगलवार को यह बताया कि भारत में इस तरह की पहली नीलामी होगी। आयोजकों के मुताबिक देश इस वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की जीत के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है, नीलामी भी इस अवसर को चिह्नित करेगी और एक पुरानी महिंद्रा जीप सीजे -3 बी, जो पहले भारतीय सेना के स्वामित्व में थी, इसकी भी नीलामी की जाएगी। आयोजकों ने कहा कि इस बिक्री से होने वाली आय को सेना के एक अनुभवी कल्याण समूह को दान कर दिया जाएगा। कारों की नीलामी का आयोजान दिसंबर में होगा और इसे ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। प्रख्यात फिल्म निर्माता और कलाकार मुजफ्फर अली की 16 पेंटिंग, जो उनके “विंटेज कारों के बचपन के अनुभवों से प्रेरित हैं, उनको भी पूर्वावलोकन के दौरान संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया था। ये भी दिसंबर में होने वाली नीलामी का हिस्सा होंगे। इस दौरान मुजफ्फर अली ने कहा कि जब कारों की बात आती है तो भारत में लोगों को ऐसी अद्भुत रुचि देखना बहुत अच्छा है। पिछले कुछ वर्षों में मेरी पेंटिंग बचपन के मेरे अनुभवों से मिलती है जब मैं पुरानी कारों में खेलता था। ऐसी कारों का मालिक होना लोगों के लिए एक सपने जैसा है। कारों को नीलामी से पहले दिखाने को लेकर आयोजन में मुख्य अतिथि मारवाड़-जोधपुर के महाराजा गज सिंह थे। साथ ही अभिनेत्री गुल पनाग, कुछ विदेशी देशों के राजदूत और विभिन्न विंटेज ऑटोमोबाइल कलेक्टर और उत्साही भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। आयोजकों ने बताया कि गज सिंह और पनाग को प्रतिष्ठित हेरिटेज मोटरिंग क्लब ऑफ इंडिया (एचएमसीआई) के अध्यक्ष केटीएस तुलसी ने कार्यक्रम स्थल पर मानद आजीवन सदस्यता प्रदान की। इसी के साथ गज सिंह और अभिनेत्री पनाग ने ऑटोमोबाइल विरासत को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया और इस आयोजन की प्रशंसा की। आयोजकों ने कारों के बारे में बात करते हुए कहा कि पूर्वावलोकन के लिए प्रदर्शन पर रखी गई नौ पुरानी कारों में 1934 कैडिलैक 355 डी 7 पैसेंजर इंपीरियल सेडान और 1924 ऑस्टिन 7 शामिल हैं, जिन्हें बेबी ऑस्टिन के नाम से जाना जाता है, जो अपने समय के लिए सबसे छोटी कारों में से एक थी। सबसे किफायती कारें उपलब्ध हैं, जो इसे बेहद लोकप्रिय बनाती हैं।