नई दिल्ली। संविधान दिवस के दिन देश के पांच करोड़ से अधिक बच्चों ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इस पाठ में दिल्ली सहित देश के 20 राज्यों के 478 जिलों से बच्चों ने हिस्सा लिया। बच्चों ने संविधान की प्रस्तावना के पाठ के साथ ही लोगों को संविधान में दिए गए उनके कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी। इन बच्चों में भारी संख्या में उस वर्ग के बच्चे भी शामिल थे, जो बेहद गरीबी की हालत में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं या जिन्हें पूर्व में कभी बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया था। इस अवसर पर बच्चों ने अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को पूरा करने की शपथ भी ली। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के नेतृत्व में किए गए इस प्रस्तावना पाठ के जरिए बच्चों में भी उनके अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी दी गई। बच्चों को 14 वर्ष तक की आयु तक नि:शुल्क शिक्षा हासिल करने और खेलने का अधिकार है। इससे कम आयु में उन्हें रोजगार में नहीं लगाया जा सकता। बच्चों को किसी खतरनाक श्रेणी के कार्यों में नहीं लगाया जा सकता।