नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति को रोकने के लिए वरिष्ठतम अधिकारियों को शामिल करते हुए एक कार्य बल का गठन किया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) आंतरिक सुरक्षा के लिए देश में कई सबसे चुनौतीपूर्ण जगहों और कठिन इलाकों में तैनात है। पिछले छह माह के दौरान सशस्त्र केंद्रीय बलों के 680 जवान आत्महत्या कर चुके हैं। सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल (डीजी) कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में बनने वाले कार्यबल में बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स के विशेष या अतिरिक्त डीजी सदस्य होंगे। यह कार्यबल व्यक्तिगत जोखिम और सुरक्षात्मक कारकों की पहचान करेगा। अधिकारियों का कहना है कि कई बार जवानों में तनाव का कारण घरेलू होता है। कई बार वे कड़ी सेवा शर्तों और जीवन के कठिन हालात के कारण मानसिक संतुलन खो देते हैं। गृह मंत्रालय ने कार्य बल से जोखिम के कारकों, यथा पहले आत्महत्या की कोशिश, अस्थिर व्यक्तित्व, खराब मानसिक स्वास्थ्य, शराब या अन्य मादक पदार्थों के उपयोग, आक्रामक प्रवृति, विकट भावनात्मक कमजोरी, दूसरों की तुलना में ज्यादा विकट हालात में रहने आदि के अध्ययन के लिए कहा है।