प्रदेश में ओमिक्रॉन वैरिएंट आने के बाद विभाग ने बढ़ाई सजगता…
राजस्थान। राजस्थान में कोरोना के दो मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार अलर्ट हो गई है। इसके मद्देनजर प्रमुख शासन सचिव और चिकित्सा सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश भर के अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रदेश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मरीजों की पुष्टि होने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सजगता व सतर्कता और अधिक बढ़ा दी है। प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा व चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ व संबंधित अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से आवश्यक दिशा निर्देश दिए। चिकित्सा सचिव ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग व रैंडम सैंपल लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जितना अधिक सैंपलिंग होगी, हम कोरोना को उतना ही जल्दी नियंत्रित कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कोरोना वायरस से पॉजिटिव आने वाले सभी मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग कराने के भी निर्देश दिए। गालरिया ने विदेशों से आने वाले लोगों की भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार प्रभावी ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों के संदिग्ध या पॉजिटिव आने पर उन्हें तुरंत आइसोलेट कर उपचार प्रारंभ किया जाए। उन्होंने प्रत्येक जिले में ओमिक्रोन पॉजिटिव व संदिग्ध लोगों के लिए अलग वार्ड बनाने के भी निर्देश दिए। सचिव ने कहा कि गत 4 दिसंबर को स्वास्थ्य कार्मिकों ने अथक मेहनत कर 11 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन कर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास निरंतर जारी रहे, ताकि कोरोना समय रहते नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट, आईसीयू बेड इत्यादि की समय समय पर इंस्टॉलेशन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। साथ ही चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों को आईसीयू मैनेजमेंट, ऑक्सीजन थैरेपी ट्रीटमेंट प्रोटोकोल इत्यादि की ट्रेनिंग करवाने के भी निर्देश दिए।