नई दिल्ली। देश की उभरती हुई बॉक्सर अरुंधति चौधऱी को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। भारतीय मुक्केबाजी संघ ने बिना ट्रायल के तुर्की में होने वाली विश्व मुक्केबाजी महिला चैंपियनशिप के लिए लवलीना बोरगोहेन को शामिल कर लिया था। जिसके बाद राजस्थान के कोटा की बॉक्सर अरुंधति चौधरी ने भारतीय मुक्केबाजी संघ के इस फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं, इस मामले पर सुनवाई होने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अरुंधति के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से लवलीना और अरुंधति के बीच में ट्रायल करवाने को कहा है। दोनों के बीच होने वाले ट्रायल में जो जीतेगा उसी का 70 किग्रा भारवर्ग के लिए टीम में चयन होगा। अरुधंति अगर यह ट्रायल जीतने में सफल रहीं तो उन्हें विश्व मुक्केबाजी महिला चैंपियनशिप में भाग लेने का मौका मिल सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट को इस फैसले के बाद भारतायी मुक्केबाजी संघ पूरी तरह बैकफुट पर आ गया है। क्योंकि बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बिना ट्रॉयल के लवलीना को वर्ल्ड महिला चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भारतीय टीम में शामिल कर लिया था। जिसके बाद अरुंधति ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने बीएफआई को अपना पक्ष रखने को कहा जिस पर मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई। बॉक्सर अरुंधति चौधरी ट्रायल के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वह एशिया की बेस्ट बॉक्सर का खिताब भी जीत चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने तीन अंतर्राष्ट्रीय पदक अपने नाम किए हैं। हाल ही में उन्होंने नेशनल यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग वुमेन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।