नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के कच्छ में गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित गुरुपरब समारोह को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर बाद 12.30 बजे से शुरू होगा। हर साल 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक गुजरात के सिख लखपत साहिब गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी का गुरू पर्व मनाते हैं। गुरू नानक देव अपनी यात्रा के दौरान लखपत गुरुद्वारा साहिब में रूके थे। गुरूद्वारा लखपत साहिब में उनकी कुछ वस्तुएं रखी हुई हैं, जिनमें खड़ाऊं, पालकी और पांडुलिपियां शामिल हैं। गौरतलब है कि इसी वर्ष 19 नवंबर को गुरू नानक देव जी का 552 वां प्रकाश पर्व मनाया गया था। उनकी ही स्मृति में गुजरात की सिख संगत दिसंबर के महीने में लखपत गुरूद्वारा साहिब में गुरूपर्व मनाती है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2001 के दौरान कच्छ में आए भूकंप से लखपत गुरूद्वारे को नुकसान हुआ था। तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए पीएम मोदी ने मरम्मत सुनिश्चित करवाने के तत्काल आदेश दिए थे। पीएम मोदी की यह पहल सिख पंथ में उनकी गहरी आस्था को साफ दर्शाता है। गुरूद्वारा लखपत साहिब समय की हर गति का साक्षी रहा है। आज जब मैं इस पवित्र स्थान से जुड़ रहा हूँ, तो मुझे याद आ रहा है कि अतीत में लखपत साहिब ने कैसे कैसे झंझावातों को देखा है। एक समय यह स्थान दूसरे देशों में जाने के लिए, व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र होता था। यहां प्राचीन लेखन शैली से यहां की दीवारों पर गुरूवाणी अंकित की गई। इस प्रोजेक्ट को तब यूनेस्को ने सम्मानित भी किया था। 2001 के भूकम्प के बाद मुझे गुरू कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था। मझे याद है कि, तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पियों ने इस स्थान के मौलिक गौरव को संरक्षित किया। गुरू नानकदेव जी का संदेश पूरी दुनिया तक नई ऊर्जा के साथ पहुंचे, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए गए। दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रतीक्षा थी, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया।