नई दिल्ली। भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत का समुद्री ट्रायल जारी है। युद्धपोत अरब सागर और हिंद महासागर में गहन समुद्री परीक्षणों से गुजर रहा है। अगस्त 2022 में भारतीय नौसेना को मिल जाएगा। इससे पहले राफेल-एम जेट का परीक्षण करेगी। भारतीय नौसेना 6 जनवरी को गोवा में राफेल-समुद्री लड़ाकू विमान के उड़ान परीक्षण का संचालन करेगी। वहीं कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने कहा है कि वह इसे अप्रैल 2022 में भारतीय नौसेना को हैंडओवर कर देगा। घातक हथियारों से लैस इस युद्धपोत के आते ही हिंद महासागर में भारत की ताकत में कई गुना बढ़ोतरी हो जाएगी। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार राफेल-एम लड़ाकू विमान को आईएनएस हंसा में 283 मीटर मॉक-अप स्की जंप सुविधा में लगभग 12 दिनों तक गहन परीक्षण के माध्यम से रखा जाएगा। इससे यह जानकारी मिलेगी कि लड़ाकू विमान IAC-1 के लिए सबसे उपयुक्त है या नहीं। बता दें कि राफेल एम फाइटर फ्रांसीसी चार्ल्स डी गॉल विमानवाहक पोत के लिए प्रमुख हथियार प्रणाली है और इसने 2008 में अमेरिकी विमान वाहक के साथ अपनी अंतर-संचालन क्षमता भी दिखाई है।