जम्मू-कश्मीर। भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की अग्रिम चौकियों तक सड़कों का जाल तैयार होगा। बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) के तहत संभाग के 44 बार्डर आउट पोस्टों को सड़क संपर्क मुहैया कराने की तैयारी कर ली गई है। लगभग 76 किलोमीटर लंबे सड़कों के इस नेटवर्क पर 110 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके बाद लोक निर्माण विभाग की ओर से योजना और निगरानी विभाग को भी लिखा गया है। दरअसल भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से 44 बार्डर आउट पोस्टों तक सड़कों को तैयार करने के लिए बार्डर गार्डिंग फोर्सिस के सहयोग से डीपीआर तैयार करवाई गई थी। इसके बाद यह योजना भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजा गया था, ताकि इन सड़कों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत तैयार किया जा सके, लेकिन मंत्रालय की ओर से इसकी मंजूरी नहीं मिल पाई।
ऐसे में अब जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन सड़कों को बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान के तहत तैयार करने की तैयारी कर ली गई है। इसमें जम्मू जिले के खौड़, मढ़, फ्लायं मंडाल, आरएस पुरा, चकरोई, सुचेतगढ़ और अरनिया इलाकों में 25 बार्डर आउट पोस्ट तक जुड़ने वाली सड़कें शामिल हैं। वहीं सांबा जिला के रामगढ़, सांबा, कटाऊ और कठुआ जिला के बोबिया फारवर्ड, करोल माथुरां, कोठे और फकीर तक सड़क संपर्क शामिल हैं।
ऐसे में अब जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन सड़कों को बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान के तहत तैयार करने की तैयारी कर ली गई है। इसमें जम्मू जिले के खौड़, मढ़, फ्लायं मंडाल, आरएस पुरा, चकरोई, सुचेतगढ़ और अरनिया इलाकों में 25 बार्डर आउट पोस्ट तक जुड़ने वाली सड़कें शामिल हैं। वहीं सांबा जिला के रामगढ़, सांबा, कटाऊ और कठुआ जिला के बोबिया फारवर्ड, करोल माथुरां, कोठे और फकीर तक सड़क संपर्क शामिल हैं।