पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्या मोरारी बापू ने कहा कि शिवरात्रि में शिव पूजा की विशेष महिमा है। दिनमेत्तततः पुण्यं भविष्यति महत्तरं। शिवरात्रिरितिख्याता तिथिरेषा मम प्रिया।यत्फलं ममपूजायां वर्षमेकं निरंतरम्, तत्फलं लभते सद्यः शिवरात्रौ मदर्चनात्। महाशिवरात्रि तिथि भगवान् शंकर को अत्यंत प्रिय है, यह भगवान् शंकर शिव पुराण में स्वयं कहते हैं। भगवान् शंकर कहते हैं वर्ष भर निरंतर पूजा करने से जिस फल की प्राप्ति होती है महाशिवरात्रि के दिन पूजा से उसी फल की प्राप्ति हो जाती है, इसका अभिप्राय है नित्य हम लोगों को भगवान शंकर की पूजा उपासना करना चाहिए और शिवरात्रि के दिन तो विशेष ही पूजा अर्चा करना चाहिए। जिसे शिव की प्रसन्नता चाह है उन्हें शिवरात्रि का व्रत अवश्य करना चाहिए। ज्ञान, भक्ति, वैराग्य सुख समृद्धि और आखरी में मोक्ष की भी चाहना हो तो भगवान् शंकर की उपासना करना चाहिए। भगवान् शंकर सब कुछ प्रदान करने में समर्थ है। जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे। जय कैलाशी जय अविनाशी सुख राशि सुख सार हरे। जय शशि शेखर जय डमरु धर जय जय प्रेमाकार हरे। जय त्रिपुरारी जय मदहारी अनंत अमित अपार हरे। जय रामेश्वर जय नागेश्वर वैद्यनाथ केदार हरे। मल्लिकार्जुन सोमनाथ जय महाकाल ओंकार हरे। त्रंबकेश्वर जय घुश्मेश्वर भीमेश्वर जगतार हरे। काशीपति श्री विश्वनाथ जय मंगलमय अघनाश हरे। नीलकंठ जय भूतनाथ जय मंगलमय करतार हरे। पार्वतीपति हर हर शम्भो पाहि पाहि दातार हरे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी,
दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।