नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर यात्रा अब आसान हो जाएगी। श्रद्धालुओं और अन्य नागरिकों को अगले साल दिसंबर के बाद से कैलाश मानसरोवर जाने के लिए चीन या नेपाल से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा।
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि दिसंबर 2023 तक सड़क बनने के बाद श्रद्धालु पिथौरागढ़ से सीधे सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा सकेंगे। चीन सीमा को जोड़ने वाली सामरिक महत्व की घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क दो साल में पक्की बन जाएगी। इस सड़क के चौड़ी और पक्की होने से कैलाश मानसरोवर यात्रियों के साथ सुरक्षा बलों और नागरिकों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।
वर्ष 2006 में गर्बाधार से लिपुलेख तक सड़क का निर्माण शुरू किया गया था। तब वर्ष 2012 तक इस सड़क का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण तय समय पर सड़क नहीं कट सकी। मालपा सहित अन्य स्थानों पर बेहद कठोर चट्टानों को काटने के लिए आधुनिक मशीनों को हेलिकॉप्टर से वहां पहुंचाया गया। बीआरओ के लंबे प्रयासों के बाद चीन सीमा को जोड़ने वाली 95 किमी लंबी इस घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क की कटिंग का कार्य जून 2020 में पूरा हो पाया।