नई दिल्ली। दर्द निवारक व विभिन्न संक्रमणों और हृदय, किडनी, अस्थमा के मरीजों की 800 आवश्यक दवाएं नए वित्त वर्ष में 10.76 फीसदी तक महंगी हो जाएंगी। राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने इसकी अनुमति दे दी है। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।
मरीजों के लिए उपयोगी ये दवाएं राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (एनएलईएम) के तहत मूल्य नियंत्रण में रखी जाती हैं। एनपीपीए की संयुक्त निदेशक रश्मि तहिलियानी के अनुसार, उद्योग प्रोत्साहन अैर घरेलू व्यापार विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय ने सालाना 10.76 फीसदी वृदि्ध की अनुमति दी है। विशेषज्ञों के अनुसार सूचीबद्ध दवाओं की मूल्यवृद्धि पर हर वर्ष अनुमति दी जाती है।
पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड, मेट्रोनिडाजोल, फेनोबार्बिटोने जैसी दवाएं इस सूची में शामिल हैं। गंभीर रूप से कोविड प्रभावित मरीजों की दवाएं भी हैं। कई विटामिन, खून बढ़ाने वाली दवाएं, मिनरल भी इनमें हैं।