पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्री राम कथा की महिमा राम कथा सुंदर कर तारी, संशय विहग उड़ावनि हारी। मानव के जीवन में अनेक प्रश्न है सभी प्रश्नों का उत्तर श्री राम कथा में है। श्री राम कथा के लिए नव दिवस दिया जाय, हमें नवजीवन मिलेगा। संशय से समाधान की यात्रा का नाम है श्री राम कथा। सबसे प्रथम भरद्वाज जी का संशय- प्रभु सोइ राम की अपार कोउ जाहि जपत त्रिपुरारि। सत्य धाम सर्वज्ञ तुम्ह कहहु विवेक विचारि। पुनः भगवती पार्वती के द्वारा संशय- जौ नृप तनय तो ब्रह्म किमि नारि बिरह मति भोरि। देखि चरित महिमा सुनत भ्रमित बुद्धि अति मोरि। पुनः श्री गरुड़ जी का संशय। हमारे आपके जीवन में भी अनेक संशय उत्पन्न होते हैं। श्री राम कथा में सभी संशय का समाधान स्वतः हो जाता है। राम कथा कलि कामद गाई। सुजन सजीवनि मूरि सुहाई। श्री राम कथा कलयुग में कामधेनु के समान है। श्री राम कथा का पठन-पाठन श्रवण निदिद् ध्यासन, से व्यक्ति के सारे मनोरथ पूर्ण होते हैं। रामायण सुरतरु की छाया। दुख भये दूर निकट जो आया। सतयुग, त्रेता, द्वापर में कल्पवृक्ष हुआ करता था। जिसकी छाया में बैठकर किया गया सम्पूर्ण मनोरथ पूर्ण होता था। कलियुग में कल्पवृक्ष देखने को तो मिलता है लेकिन परमात्मा ने उसकी वो शक्ति हटा दी है। सच्चे कल्पवृक्ष स्वयं परमात्मा है, परमात्मा का नाम है और भगवान की कथा है। भगवान की कथा सुनने गाने से, परमात्मा भक्तों के सारे मनोरथ पूर्ण करते हैं।
सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम काॅलोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।