नई दिल्ली। इंसान ने चांद पर बसने की ख्वाहिश का जो बीज बोया था, उसमें अब कोपलें फूटने लगी हैं। दरअसल चांद से धरती पर लाई गई मिट्टी में वैज्ञानिकों ने पहली बार पौधे उगाने का अनूठा कारनामा कर दिखाया है,
जो भविष्य में अंतरिक्ष में भोजन व ऑक्सीजन पैदा करने की दिशा में बड़ा ऐतिहासिक कदम बन गया है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए प्रयोग में चांद की मिट्टी में न सिर्फ बीज का अंकुरण हुआ, बल्कि पौधे बड़े होने में भी सफल रहे।
यह शोध वैज्ञानिकों ने सिर्फ 12 ग्राम मिट्टी में किया है, जो अलग-अलग अपोलो मिशन में अंतरिक्ष यात्री लेकर आए हैं। बता दें, चांद की मिट्टी धरती की मृदा से बहुत अलग और पथरीली होती है, जिसमें कुछ उपजाना काफी मुश्किल काम है।
लेकिन वैज्ञानिकों ने यह कामयाबी ऐसे समय हासिल की है, जब नासा के अर्तेमिस मिशन में एक बार फिर इंसान चांद पर भेजने की तैयारी है।