नई दिल्ली। जिस गति से दुनिया में जनसंख्या में वृद्धि हो रही है वह आने वाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं है। इससे तमाम तरह की दिक्कतें बढ़ेंगी जिससे उबरना लोहे के चने चबाने जैसा साबित होगा। मौजूदा दौर में बढ़ती जनसंख्या ने जहां एक ओर विकास को प्रभावित किया है वहीं दूसरी ओर अशिक्षा, बेरोजगारी और भुखमरी जैसी समस्याएं दिनों- दिन बढ़ रही हैं, जो समाज के सभी वर्गों के लिए बड़ी चुनौती है।
भारत में बढ़ती जनसंख्या अनेक समस्याओं को जन्म देगी। इसको नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। सरकार के एजेण्डे में शामिल जनसंख्या नियंत्रण कानून को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। सिर्फ कानून बना देना ही समस्या का समाधान नहीं है।
इसका प्रभाव धरातल पर दिखना चाहिए। इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे साथ ही निगरानी भी रखनी होगी तभी बढ़ती आबादी को नियंत्रित किया जा सकता है। समाज के सभी वर्गों के लिए एक समान जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए। जनसंख्या कोष की विश्व जनसंख्या की ताजा रिपोर्ट चौंकाने वाली है।
इसके अनुसार विश्व की जनसंख्या 30 साल में 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। जनसंख्या में प्रतिवर्ष करीब 8.3 करोड़ यानी 1.10 फीसदी की वृद्धि हो रही है। भारत चीन के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। जनगणना 2011 की रिपोर्ट के अनुसार, देश की कुल जनसंख्या 121 करोड़ है जबकि संयुक्त राष्ट्र के 2022 के आंकड़ों के अनुसार भारत की आबादी 138 करोड़ तक पहुंच गई है, जो इस साल के अंत तक 140 करोड़ पहुंच सकती है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक अनुमान के अनुसार 2027 तक भारत की आबादी विश्व में सबसे अधिक हो जायगी और चीन पीछे छूट जाएगा। पूरी दुनिया में बढ़ती आबादी से बेरोजगारी, शिक्षा और खाद्य असुरक्षा जैसी समस्याएं गहराती जा रही हैं, जो गम्भीर चिन्ता का विषय है।