नई दिल्ली। लगातार चेतावनी और सतर्कता के बाद भी साइबर सुरक्षा में सेंधमारी और गोपनीय डेटा का उजागर होना बहुत ही गंभीर और चिन्ता की बात है। ऐसे डेटा का दुरुपयोग होना भी स्वाभाविक है। साइबर सुरक्षा फर्म साइबर एक्स-9 का दावा है कि आनलाइन बीमा ब्रोकर पालिसी बाजार की प्रणालीगत खामियों के चलते उसके लगभग 5.64 करोड़ लोगोंके डेटा उजागर हुए हैं, जिनमें रक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
यह ग्राहकों के साथ अन्याय है। साइबर सुरक्षा अनुसन्धान फर्म ने इस मामले की जानकारी विगत 18 जुलाई को ही पालिसी बाजार को दे दी थी। दूसरी ओर पालिसी बाजार के प्रवक्ता का कहना है कि इन खामियों को ठीक कर लिया गया है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि ऐसी खामियां उत्पन्न ही क्यों हुई।
डेटा उजागर होने से ग्राहकों को हुई क्षति की भरपाई कैसे हो सकती है। यह सीधे तौर पर पालिसी बाजार की लापरवाही है और इसके लिए उसे दण्डित किया जाना चाहिए। ग्राहकों की डेटा का सुरक्षा सर्वाधिक आवश्यक है और यह हर कीमत पर सुनिश्चित होना चाहिए। चिन्ता की बात यह भी है पिछले तीन वर्षों में दस करोड़ कार्ड डेटा उजागर हो चुके हैं। वर्ष 2017 से 2020 के बीच यह डेबिट कार्ड से सम्बन्धित डेटा है।
भारतीय स्टेट बैंक के 40 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक के दस करोड़ ग्राहकों का डेटा पांच वर्ष में उजागर हुए हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि डेटा की सुरक्षा के लिए ग्राहकों को भी जागरूक और सतर्क रहना होगा। इसके लिए जरूरी है कि सप्ताह में एक बार पासवर्ड बदला जाय। पासवर्ड मोबाइल में भी न सेव करें। ग्राहकों के डेटा उजागर होने पर इसकी जवाबदेही सम्बन्धित कम्पनी की होनी चाहिए। साथ ही ग्राहकों को भी अपने स्तर से सतर्क रहना होगा।