लखनऊ। भले ही कोरोना संक्रमण का असर कुछ कम हुआ है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के कहर ने देश के कई राज्यों की मुसीबतें बढ़ा रखी हैं। एक ओर देश के कई राज्यों में अतिशय वर्षा से उत्पन्न बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, वहीं उत्तर प्रदेश सहित देश के आठ राज्यों में औसत से कम वर्षा होने से सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
यह मौसम का असन्तुलित स्वरूप है और इसका सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है जिसके चलते कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ के हालात बन गए। देश में अब तक कुल मानसूनी वर्षा सामान्य से ज्यादा हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड आदि राज्यों में जरूरत से कम वर्षा होने से कृषि कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा और उत्पादन कम होने से महंगाई को और बल मिलेगा। हालांकि सूखे से निबटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है और सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 84.19 करोड़ रुपये के राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना पर मुहर लगा दी है। इस परियोजना के अन्तर्गत 62 जिलों में 2100 राजकीय नलकूप लगाए जाएंगे।
हालांकि डार्क या ग्रे ब्लाक में नलकूप स्थापित नहीं किये जाएंगे लेकिन नलकूप निर्माण से सूखे की समस्या से निबटने में जहां सहायता मिलेगी वहीं लघु और सीमान्त किसान समयानुकूल उत्पादन कर सकेंगे। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाई जाएगी और इस परियोजना को अगले वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा लेकिन अभी जो हालात पैदा हुए हैं उसमें किसानों को राहत पहुंचाने के लिए काम किया जाना जरूरी है। देश दोहरी आपदा से जूझ रहा है ऐसे में केन्द्र सरकार का दायित्व बनता है कि बाढ़ और सूखा प्रभावित राज्यों को विशेष पैकेज देकर लोगों को राहत पहुंचाए।