यात्रा। बिहार राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली के लिए जाना जाता है। यहां झरने से लेकर वन्यजीव अभ्यारण्य तक देखा जा सकता है। बिहार में एक या दो नहीं, बल्कि कई झरने मौजूद हैं। इनकी खूबसूरती बस देखते ही बनती है। यहां पर स्थित प्रत्येक वाटरफॉल की अपनी एक अलग खासियत है। यदि आप बोटिंग, तैराकी और मछली पकड़ने जैसी कुछ बेहतरीन वाटर-बेस्ड एक्टिविटीज में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको करकट वाटरफॉल जाना चाहिए। तो चलिए बिहार में स्थित कुछ वाटरफॉल के बारे में जानते हैं-
काकोलत वाटरफॉल :-
काकोलाट वाटरफॉल बिहार और झारखंड की सीमा पर स्थित है। यह नवादा जिले से 33 किमी दूर है। वाटरफॉल काकोलट पहाड़ियों से निकलता है। चारों ओर हरे-भरे वन क्षेत्र होने के कारण यहां का दृश्य काफी मनोरम है। यहां संक्राति या बैसाखी के अवसर पर तीन दिवसीय मेला लगता है। फॉल्स बेस पर एक गहरा प्राकृतिक जल जलाशय बनाता है। यह बिहार के सबसे अच्छे झरनों में से एक है जो 150 और 160 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है।
तेलहर वाटरफॉल:-
तेलहर वाटरफॉल दुर्गावती नदी के उद्गम के करीब स्थित है, और यह फॉल के तल पर स्थित तेलहर कुंड झील में समाप्त होता है। यह वाटरफॉल एक पॉपुलर पिकनिक स्पॉट में से एक है। इसके अलावा, पास में एक गर्म पानी का झरना है जो देखने लायक है। यह झरना कैमूर वाइल्डलाइफ सैन्चुरी का हिस्सा है।
कशिश वाटरफॉल:-
कशिश वाटरफॉल पटना से 175 किमी दूर बिहार के रोहतास जिले के अमझौर गांव में स्थित है। झरने की ऊंचाई लगभग 800 फीट है। पहाड़ से निकलने वाले चार झरने हैं, जो तीन दिशाओं में गिरते हैं। इस वाटरफॉल में नहाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।
मंझर कुंड वाटरफॉल :-
मंझर कुंड वाटरफॉल बिहार के रोहतास जिले में डेहरी-ऑन-सोन और सासाराम के बीच स्थित है। कुंड का पानी प्राकृतिक खनिजों से बना माना जाता है, जो भोजन के पाचन में मदद करता है। सावन के महीने में इस वाटरफॉल की खूबसूरती बस देखते ही बनती है। हर साल रक्षा बंधन के बाद पहले रविवार को एक पारंपरिक मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी भाग लेते हैं।